जब वो कोई नहीं तेरा क्यूँ परेशान तू
दिल तो धडका करे यूं ही नाहक हैरान है तू
ठहरे पानी में पत्थर फेंक के खिलखिलाना
शगल उनका बस खेल का सामान है तू
उनके तमाशों को जाने है सारा ज़माना
एक तू ही रहा गाफिल नादान है तू
गुज़रता जाए है बेहिसाब यादों का कारवाँ
उनका अहद चुप्पी किसको सुनाने जाए तू
मालूम था 'सुरेन' तुझे काँटों भरी है रहगुज़र
किन से गिले शिकवे गर लहू लुहान है तू