शनिवार, सितंबर 11, 2010

" मैं " हूँ घड़ी की टिक टिक

आप से पूछता हूँ ,"मैं"
बताइये तो भला 
मैं हूँ कौन !
अ, ब, स ? , नहीं सा'ब 

दिसंबर में दो क्षिप्र 
गर्म साँसों का टकराव ,संघनन 
सितम्बर में 
बर्फ का एक अदद 'पीस' 

जून की गर्मी में 
पल पल गलता पिघलता टुकड़ा 
बहता पानी 
और फिर भाप 

बताइये तो भला 
जून की भाप और 
दिसम्बर की भाप के बीच 
है कोई फर्क ?

जमे रहने और पिघलते जाने 
के बीच फर्क 
कि मैं हूँ कौन 
बर्फ , पानी या भाप 

नहीं मालूम ?
तो इस गड्ड मड्ड को डालिए 
" खैर छोडिये " की झोली में 

सुनिए,
मैं हूँ तो कुछ भी नहीं 
"हूँ " तो बस 
घड़ी की टिक टिक |